दैनिक प्रार्थना

हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो.

Sunday, October 05, 2008

रोटी बनाइये ईनाम पाइए

क्या आपको भूख लगी है? भूख सब को लगती है, आप को भी लगी होगी. आइये भूख मिटाने के लिए रोटी बनायें,

एक शर्त है, आप जिस धर्म के हैं उसी धर्म के मानने वाले रोटी बनाने में मदद करेंगे. कभी भी, किसी समय भी किसी गैर धर्म वाले का हाथ यह रोटी बनाने में न लगा हो.

मसलन, अगर आप हिंदू है तो जमीन हिंदू की हो, उस में जो बीज बोया गया हो वह हिंदू द्वारा तैयार किया गया हो, बीज बोने वाले हिंदू हों, जो पानी इस्तेमाल किया गया हो वह हिंदू का हो, जो हल इस्तेमाल किया गया हो वह हिंदू का हो, हल बनाने में जो समान इस्तेमाल किया गया हो वह हिंदू का हो और हिंदू द्वारा ही तैयार किया गया हो, इस हिंदू गेहूं को पीसने वाले हिंदू हों, इस हिंदू आटे को गूंथने के लिए जो पानी इस्तेमाल किया जाय वह हिंदू का हो, बर्तन हिंदू द्वारा बनाये गए हों, चकला-बेलन, चिमटा हिंदू का हो, तवा हिंदू का हो, ईंधन हिंदू का हो, इत्यादि-इत्यादि.

अगर आप मुसलमान हैं तो सब कुछ मुस्लिम होना चाहिए. अगर आप ईसाई हैं तो सब कुछ ईसाई.

इन सब शर्तों के साथ जो रोटी बनाएगा उसे ईनाम मिलेगा.

आइये, हिंदू, मुस्लिम, क्रिस्चियन रोटी बनाइये और ईनाम पाइए.

5 comments:

रंजन राजन said...

क्या बात कही है आपने........बढ़िया.....
नवरात्रि की कोटि-कोटि शुभकामनाएं। मां दुर्गा आपकी तमाम मनोकामनाएं पूरी करें।
यूं ही लिखते रहें और दूसरों को भी अपनी प्रतिक्रियाओं से प्रोत्साहित करते रहें, सदियों तक...

राज भाटिय़ा said...

बहुत खुब क्या सटाईल हे बात कहने का. धन्यवाद

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत सार्थक लिखा है।बहुत बढिया!!

Udan Tashtari said...

बहुत सही.

प्रवीण त्रिवेदी said...

वाह ! क्या घुमा कर मारा है ?
शायद कभी कभी प्रश्न भी अपने आप में अच्छे जवाब होते हैं/