दैनिक प्रार्थना

हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो.

Wednesday, October 29, 2008

सब को मिले उजालों का संसार

    हे शारदे  माँ, हे शारदे माँ
    अज्ञानता  से हमें  तार दे माँ 

    तू स्वर की देवी  ये संगीत  तुझसे,
    हर शब्द तेरा है हर गीत तुझसे

    हम है अकेले, हम है अधूरे ,
    तेरी शरण  हम हमें प्यार दे माँ

    मुनियों  ने समझी, गुनियों  ने जानी,
    वेदों की भाषा, पुराणों की बानी

    हम भी तो समझे, हम भी तो जाने,
    विद्या  का हमको अधिकार दे माँ

    तू श्वेत वर्णी  कमल पे विराजे,
    हाथों में  वीणा, मुकुट  सर पे  साजे 

    मनसे  हमारे मिटाके  अंधेरे,
    हमको उजालों  का संसार  दे माँ

    हे शारदे माँ, हे शारदे माँ. 




3 comments:

Anonymous said...

बहुत बढिया और वीडियो दिखाने केलिए आभार।

Udan Tashtari said...

बहुत बढ़िया..आभार.

राज भाटिय़ा said...

बहुत ही सुन्दर सुरेश जी .
धन्यवाद