मनुष्य अपने कर्मों से जाना जाता है, धर्म, जाति, भाषा या खान-पान से नहीं.
यह जन्म पिछले जन्मों में किए गए कर्मों का फल है, यह फल भोगना ही होगा, इस से कोई छुटकारा नहीं है.
ईश्वर केवल प्रेम का सम्बन्ध मानते हैं, जाति, धर्म, रंग, भाषा कुछ नहीं,
हम सब मनुष्य रूप मैं जन्में हैं, मनुष्य बन कर रहें.
5 comments:
सत्य वचन गुप्ताजी.काश आपकी बात हर कोई समझ पाता.
सही बात है बड़े भाई। आभार।
बिल्कुल सही फर्माया आपने। जितने भी इतिहास पुरुष या हस्तियां हुई हैं, उनका नाम आज भी उनके कर्मों से ही अमर है ना कि उनके जाति-धर्म से।
आप की बात सोलाह आने सही है, लेकिन आज कोई नही मानता इसे.
धन्यवाद
मनुष्य अपने कर्मों से जाना जाता है
सत्य वचन
Regards
Post a Comment