दैनिक प्रार्थना

हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो.

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Monday, November 24, 2008

मनुष्य की पहचान

मनुष्य अपने कर्मों से जाना जाता है, धर्म, जाति, भाषा या खान-पान से नहीं. 
यह जन्म पिछले जन्मों में किए गए कर्मों का फल है, यह फल भोगना ही होगा, इस से कोई छुटकारा नहीं है. 
ईश्वर केवल प्रेम का सम्बन्ध मानते हैं, जाति, धर्म, रंग, भाषा कुछ नहीं,
हम सब मनुष्य रूप मैं जन्में हैं, मनुष्य बन कर रहें.