दैनिक प्रार्थना

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Friday, September 19, 2008

बम धमाकों के बाद का आतंकवाद

दिल्ली में बम धमाके हुए. बहुत से निर्दोष नागरिक मारे गए. इनके कातिलों ने क्या हासिल किया यह तो वही जानें, पर बहुत से परिवारों ने अपना सब कुछ खो दिया. रोज अखबारों में आतंकवाद की भेंट चढ़ गए इन मासूम इंसानों औए उनके गम में डूबे परिवार जनों के बारे में खबरें आ रही हैं. साथ ही आ रही हैं, एक और आतंकवाद की खबरें जो वरपा किया है सरकार और उस के बाबुओं ने.

एक दिन सुना कि बाबुओं ने सहायता के चेक बना दिए मृतकों के नाम में. मेरे एक मित्र बहुत नाराज थे इस बात पर, कहने लगे जिस बाबु ने चेक बनाया है उसे ही मृतक के पास पर्सनल डिलीवरी के लिए भेजना चाहिए. बहुत से लोग गरीब हैं, उन के पास बेंक एकाउंट नहीं हैं. वह कैसे इन चेकों को केश करेंगे? बहुत से पीड़ित अभी तक इंतज़ार कर रहे हैं किसी सहायता की. सरकार ने घोषणा कर दी सहायता की पर कैसे वह सहायता पहुँचेगी पीड़ितों तक इस के बारे में कोई चिंता नहीं की. कैसी सरकार है यह, इसे पता था कि दिल्ली में धमाकों की तैयारी हो गई है, पर इस सरकार ने कुछ नहीं किया. बस बड़ी बेशर्मी से पाटिल ने कह दिया कि हमें यह पता नहीं था कि धमाके कहाँ और कब होंगे. ऐसी सरकार और ऐसे ग्रह मंत्री का क्या फायदा?
अब राजनीति कर रही है सरकार.

कभी मुझे लगता है कि अगर आज कहीं बम धमाका नहीं हुआ तो वह आतंकवादियों की वजह से है, उन्होंने बम धमाका करने का कोई कार्यक्रम ही नहीं बनाया था. इस में इस देश की सरकार, पुलिस, खुफिया एजेंसियां का कोई योगदान नहीं है. आज कोई भारतीय नागरिक अगर जिन्दा है तो इस लिए नहीं कि सरकार ने उसे बचा लिया है, बल्कि इस लिए कि आतंकवादियों ने कोई धमाका नही किया या उस का आखिरी वक्त अभी नहीं आया है. अब इस देश में कोई भी सुरक्षित नहीं है, सिवाय इन घटिया नेताओं और उन के परिवारवालों के.

5 comments:

Advocate Rashmi saurana said...

sahi kaha aapne. problem to hame hi hai. jari rhe.

परमजीत सिहँ बाली said...

सही लिखा है। गृह मंत्री का ब्यान सुन कर बस मन मसोस कर रह गए है।जिन्होनें उन महाशय को यह पद दिया ....उन की क्या कहे?

pallavi trivedi said...

sahi kaha...sahmat hoon aapse.

डॉ .अनुराग said...

जी हाँ ये बेहद सवेदनशील मुद्दे है ,बहुत से गरीबो के बैंक अकाउंट नही होते....

राज भाटिय़ा said...

सुरेश जी यह निकम्मे नेता अपनी कुर्सी बचाये या फ़िर जनता को, यह गरीब जनता क्या देगी ?कुर्सी वह तो अगले साल देगी तब तक मरने दो इस भूखी जनता को,
लानत हे ऎसे गृह मंत्री को, ओर वाह री मेरी इमानदार सरकार ओर उस के मुखिया
धन्यवाद