दिल्ली में बम धमाके हुए. बहुत से निर्दोष नागरिक मारे गए. इनके कातिलों ने क्या हासिल किया यह तो वही जानें, पर बहुत से परिवारों ने अपना सब कुछ खो दिया. रोज अखबारों में आतंकवाद की भेंट चढ़ गए इन मासूम इंसानों औए उनके गम में डूबे परिवार जनों के बारे में खबरें आ रही हैं. साथ ही आ रही हैं, एक और आतंकवाद की खबरें जो वरपा किया है सरकार और उस के बाबुओं ने.
एक दिन सुना कि बाबुओं ने सहायता के चेक बना दिए मृतकों के नाम में. मेरे एक मित्र बहुत नाराज थे इस बात पर, कहने लगे जिस बाबु ने चेक बनाया है उसे ही मृतक के पास पर्सनल डिलीवरी के लिए भेजना चाहिए. बहुत से लोग गरीब हैं, उन के पास बेंक एकाउंट नहीं हैं. वह कैसे इन चेकों को केश करेंगे? बहुत से पीड़ित अभी तक इंतज़ार कर रहे हैं किसी सहायता की. सरकार ने घोषणा कर दी सहायता की पर कैसे वह सहायता पहुँचेगी पीड़ितों तक इस के बारे में कोई चिंता नहीं की. कैसी सरकार है यह, इसे पता था कि दिल्ली में धमाकों की तैयारी हो गई है, पर इस सरकार ने कुछ नहीं किया. बस बड़ी बेशर्मी से पाटिल ने कह दिया कि हमें यह पता नहीं था कि धमाके कहाँ और कब होंगे. ऐसी सरकार और ऐसे ग्रह मंत्री का क्या फायदा?
अब राजनीति कर रही है सरकार.
कभी मुझे लगता है कि अगर आज कहीं बम धमाका नहीं हुआ तो वह आतंकवादियों की वजह से है, उन्होंने बम धमाका करने का कोई कार्यक्रम ही नहीं बनाया था. इस में इस देश की सरकार, पुलिस, खुफिया एजेंसियां का कोई योगदान नहीं है. आज कोई भारतीय नागरिक अगर जिन्दा है तो इस लिए नहीं कि सरकार ने उसे बचा लिया है, बल्कि इस लिए कि आतंकवादियों ने कोई धमाका नही किया या उस का आखिरी वक्त अभी नहीं आया है. अब इस देश में कोई भी सुरक्षित नहीं है, सिवाय इन घटिया नेताओं और उन के परिवारवालों के.
साईं बाबा कहा करते थे कि सब का मालिक एक है. हम सब ईश्वर की संतान हैं. ईश्वर चाहता है कि हम सब एक दूसरे से प्रेम करें. आइये नफरत को अपने दिल से निकाल दें, सब से प्रेम करें और कहें, सब का मालिक एक है.
दैनिक प्रार्थना
हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो.
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Friday, September 19, 2008
Wednesday, August 27, 2008
भारत में इस्लाम खतरे में है???
बहुत पहले एनडीटीवी की एक चर्चा फोरम पर आतंकवाद पर हो रही चर्चा में भाग लेते हुए मैंने कहा था कि बिना स्थानीय मुसलमानों की मदद से यह बम विस्फोट नहीं किए जा सकते। उस समय बहुत से चर्चाकारों ने मुझे गालियाँ दी और आरएसएस का पिट्ठू बताया। आज अखबार में एक ख़बर छपी है, जिसमें मेरी यह बात सच साबित हो रही है. आप भी पढ़िये यह ख़बर:
जो लोग गिरफ्तार हुए हें वह कोई गरीब और पिछड़े हुए मुसलमान नहीं हें। सब शिक्षित हें और दूसरे हिंदुस्तानिओं की तरह सामान्य जिंदगी गुजार रहे हें। यह निर्दोष नागरिकों को मार देने से बिल्कुल नहीं हिचकिचाते। यह कहते हें कि भारत में इस्लाम खतरे में है। अब तो लग रहा है कि इस्लाम भारत के लिए खतरा बनता जा रहा है।

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