एक ब्लाग है, 'मेरी डायरी'. उस की सूत्रधार हें फिरदौस। उन की हाल की पोस्ट में मुझे एक बात बहुत अच्छी लगी। आप भी पढ़िये। उन की यह बात यहाँ पोस्ट करने से पहले मैंने उन की इजाजत नहीं ली है, पर यह उम्मीद करता हूँ वह बुरा नहीं मानेंगी। अगर बुरा मानेंगी तो यह बात इस पोस्ट से हटा दूँगा।
"मैं भी जब रात को सोती हूं तो दिल से उन सभी लोगों को माफ़ कर देती हूं, जिन्होंने मेरा बुरा किया हो...और अल्लाह से भी दुआ करती हूं कि उन्हें माफ़ कर देना...और जाने या अनजाने में मुझसे कुछ ग़लत हो गया हो तो उसके लिए भी मुझे माफ़ कर देना...मुझे बचपन से यही तालीम मिली है..."
मेरी मां सोने से पहले और सुबह विस्तर से उठने से पहले ईश्वर की प्रार्थना करती थीं। मैं भी कोशिश करता हूँ यह करने की। बहुत शान्ति मिलती है इस से।
आज का अखबार पढ़ कर मन बहुत दुखी हुआ। अखबार उन निर्दोष नागरिकों के बारे में ख़बरों से भरा हुआ है जो दिल्ली के बम धमाकों में मारे गए, और अब उन के परिवारों पर क्या गुजर रही है? ईश्वर से प्रार्थना है कि उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करे और उन के परिवारों को हिम्मत दे इस दुःख को सहन करने की। हम सब ईश्वर का धन्यवाद करें कि उस की कृपा से हम सुरक्षित हें। मरने वालों में हम भी हो सकते थे।
प्रेम करो सबसे, नफरत न करो किसी से।
4 comments:
sahi kaha gupta ji
सुरेश जी बिलकुल सच लिखा हे आप ने.
सादर प्राणाम
अच्छी चीजों को बाहर लाने के लिए शुक्रिया सुरेश भाई !
I think it is a good teaching, but by what is witnessed these days no body seems to be following this teaching.
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