
कल मुझे दस बजे अपने एक क्लाइंट के यहाँ पहुंचना था. बहुत जरूरी मीटिंग थी. लेकिन रास्ता बंद कर दिया गया था. बहुत ज्यादा परेशानी उठा कर वारह बजे पहुँच पाया. क्लाइंट अलग नाराज. काम बिगड़ गया. मेरे जैसे हजारों लोग कल इसी तरह परेशान हुए होंगे और कितनों ने नुक्सान भी उठाया होगा. कितना पेट्रोल और डीजल बेकार खर्च हुआ होगा.
राष्ट्रीय राजमार्ग पर नमाज पढ़ना और इस के लिए उसे बंद कर देना, एक गलत फैसला था. सरकार और पुलिस इस गलती के लिए जिम्मेदार हैं. मुसलमान भाइयों को सोचना चाहिए था कि सड़क पर नमाज पढने से दूसरे नागरिकों को कितनी परेशानी होगी.
बहुत तकलीफ हुई मुझे.