दैनिक प्रार्थना

हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो.

Sunday, December 31, 2006

My New Year Resolution

I, Suresh Gupta, a proud citizen of India, adopt the following as my New Year resolution:
 That I shall work for continual improvement of day-to-day life of Indian citizens.
 That my relationship with all other Indians shall be on three levels – emotional, social and national.
 That on emotional level the relationship shall be based on the principles of humanity, as I am a human being and so all other Indians.
 That on social level the relationship shall be based on the principles of peaceful co-existence, as I am a part of the Great Indian Society and so all other Indians.
 That on national level the relationship shall be based on the principles of nationalism, as I am a citizen of Great Indian Nation and so all other Indians.
 That my behavior with all other Indians shall be guided by above principles.
 That my religion, my language, my life-style, my food habits etc., shall be my personal traits.
 That I shall consider religion, language, life-style, food habits etc., of all other Indians as their personal traits, and shall respect them.
 That all my personal traits shall support and strengthen above relationships.
 That based on above relationships, I shall work for creation of a class-less all-Indian society.
That I do not have any copyright on this manifesto and all Indians are welcome to adopt it in full or part as their manifesto.

Monday, October 23, 2006

Religious intolerance!!

All religions teach tolerance, but in practice people, all over the world, are displaying religious intolerance. Even on a slight comment about their religion, they will flare up and start protesting. In majority of cases these protests will turn violant resulting in human and financial losses. Why people do it?

Thursday, August 17, 2006

Secularism does not mean abusing religion

आजकल सेक्युलेरिज्म का बड़ा चर्चा है. कुछ लोग स्वंय को सेक्युलर कहते हैं और जो लोग उनकी बात से सहमत नहीं होते उन्हैं यह लोग आसानी से क्म्युनल कह देते हैं. आईये चर्चा करें कि यह सेक्युलेरिज्म है क्या. क्या इसे धर्मनिर्पेक्षता कह सकते हैं? क्या इसे सर्व-धर्म-सदभाव कहना चाहिये?
कुछ लोग किसी धर्म को नहीं मानते. इनके अनुसार धर्म ही सारी समस्याओं का कारण है. धर्म को गाली देने में यह लोग अपनी शान समझते हैं. ऐसे लोगो को अधर्मी तो कहा जा सकता है सेक्युलर नहीं.
कुछ लोग किसी धर्म को नहीं मानते पर वह धर्म को गाली भी नहीं देते. इनके अनुसार धर्म किसी भी व्यक्ति का क्यक्तिगत मामला है और जो लोग धर्म को मानते है वह भी सही हैं और जो लोग धर्म को नहीं मानते वह भी सही हैं. पर यह लोग चाहते हैं कि लोग धर्म का गलत इस्तेमाल न करें. दूसरे लोगों को तंग करने में या एक दूसरे को लड़ाने में धर्म का गलत इस्तेमाल नही होना चाहिये. ऐसे लोगो को सेक्युलर कहा जाना चाहिये.
कुछ लोग एक धर्म विशेष को मानते हैं और बाकी सभी धर्मों का भी सम्मान करते हैं. ऐसे लोगो को सच्चा सेक्युलर कहा जाना चाहिये.
कुछ लोग एक धर्म विशेष को मानते हैं पर बाकी सभी धर्मों का अनादर करते हैं. दूसरे धर्मों के लोगों के प्रति हिंसा भी करते हैं. ऐसे लोगो को भी अधर्मी तो कहा जा सकता है सेक्युलर किसी हालत में नहीं. मेरे विचार में यह लोग ईश्वर और मानवता के प्रति अपराधी हैं.

My religion is eternal religion

आज जिस धर्म को हिन्दू धर्म कहा जाता है वह वास्तव में सनातन धर्म है. एक ऐसा धर्म जिसका न कोई आदि है और न कोई अंत. भारत का इतिहास बहुत पुराना है. यह हर भारतीय के लिये गर्व की बात है कि भारत ने कभी किसी देश पर अपनी सीमाओं के विस्तार के लिये हमला नहीं किया. हालांकि अनेक देशों ने भारत पर हमले किये और अपने धर्म को हम पर लादने की जबरदश्त कोशिशें की. इन्हीं हमलावरों ने इस सनातन धर्म को हिन्दू धर्म कहना शुरू किया.

दूसरे अनेक धर्मों की तरह सनातन (हिन्दू) धर्म किसी एक व्यक्ति द्ववारा शुरु नहीं किया गया. यह मौलिक मानवीय सिद्धांतो पर आधारित है जो समय के आधीन नहीं हैं. इसमें किसी और धर्म के व्यक्ति का धर्म परिवर्तन करके उसे हिन्दू बनाने का कोई प्रावधान नहीं है. जो व्यक्ति इन मौलिक मानवीय सिद्धांतो पर विश्वास करता है और उनके अनुसार व्य्वहार करता है वह हिन्दू है. इसलिये किसी हिन्दू ने किसी और धर्म के व्यक्ति को जबरदस्ती अपने धर्म में शामिल करने की कोशिश नहीं की.

दूसरे धर्म, जो किसी न किसी व्यक्ति द्वारा शुरु किये गये, हिन्दू धर्म की इस विशेशता को समझ नही पाये और एक अन्दरूनी डर की वजह से हिन्दूओं से डरते रहे और उन पर हमले करते रहे. आज भी यह हमले जारी हैं. हिन्दू धर्म के बारे में गलत बातें करके उसे बदनाम करना, उसे एक तंग नजरिये का धर्म कहना, और हिन्दू देवी देवताओं को गालियां देना इन हमलों का ही हिस्सा हैं. आश्चर्य की बात यह है कि यह सारे इलजाम वह लोग लगाते हैं जिनके अपने धर्म हिंसा से धर्म परिवर्तन की बात करते हैं या ऐसे कुछ हिन्दू जो अपने धर्म की बुराई करने में शान समझते हैं.

मुझे गर्व है कि मैं एक हिन्दू हूं और सनातन धर्म में विश्वास करता हूं.

Sunday, August 13, 2006

Bhagwan aur Insaan

Aajkal Woh rehta hai bahut pareshan,
Insaan ne rakh diye hain uske alag alag naam,
Koi kehta hai Allah, Koi Jesus,
Koi Wahe Guru aur koi Bhagwan,
Maar rahe hain ek doosre ko,
Lekar uska naam,
Kisne sikha di inhe nafrat,
Maine to banai thi sirf mohabbat.

Thursday, July 20, 2006

Sab ka maalik ek hai

God is one. All human beings are His children. He loves them all. He does not discriminate. He wants His children to love each other. He is manifested in every human being.

When we love others we love God. When we hate others we hate God. We should choose between love and hate. Love is Godly. Hate is unGodly.

Saibaba used to say, sab ka maalik ek hai. Let us also say, sab ka maalik ek hai.