दैनिक प्रार्थना

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Thursday, August 17, 2006

My religion is eternal religion

आज जिस धर्म को हिन्दू धर्म कहा जाता है वह वास्तव में सनातन धर्म है. एक ऐसा धर्म जिसका न कोई आदि है और न कोई अंत. भारत का इतिहास बहुत पुराना है. यह हर भारतीय के लिये गर्व की बात है कि भारत ने कभी किसी देश पर अपनी सीमाओं के विस्तार के लिये हमला नहीं किया. हालांकि अनेक देशों ने भारत पर हमले किये और अपने धर्म को हम पर लादने की जबरदश्त कोशिशें की. इन्हीं हमलावरों ने इस सनातन धर्म को हिन्दू धर्म कहना शुरू किया.

दूसरे अनेक धर्मों की तरह सनातन (हिन्दू) धर्म किसी एक व्यक्ति द्ववारा शुरु नहीं किया गया. यह मौलिक मानवीय सिद्धांतो पर आधारित है जो समय के आधीन नहीं हैं. इसमें किसी और धर्म के व्यक्ति का धर्म परिवर्तन करके उसे हिन्दू बनाने का कोई प्रावधान नहीं है. जो व्यक्ति इन मौलिक मानवीय सिद्धांतो पर विश्वास करता है और उनके अनुसार व्य्वहार करता है वह हिन्दू है. इसलिये किसी हिन्दू ने किसी और धर्म के व्यक्ति को जबरदस्ती अपने धर्म में शामिल करने की कोशिश नहीं की.

दूसरे धर्म, जो किसी न किसी व्यक्ति द्वारा शुरु किये गये, हिन्दू धर्म की इस विशेशता को समझ नही पाये और एक अन्दरूनी डर की वजह से हिन्दूओं से डरते रहे और उन पर हमले करते रहे. आज भी यह हमले जारी हैं. हिन्दू धर्म के बारे में गलत बातें करके उसे बदनाम करना, उसे एक तंग नजरिये का धर्म कहना, और हिन्दू देवी देवताओं को गालियां देना इन हमलों का ही हिस्सा हैं. आश्चर्य की बात यह है कि यह सारे इलजाम वह लोग लगाते हैं जिनके अपने धर्म हिंसा से धर्म परिवर्तन की बात करते हैं या ऐसे कुछ हिन्दू जो अपने धर्म की बुराई करने में शान समझते हैं.

मुझे गर्व है कि मैं एक हिन्दू हूं और सनातन धर्म में विश्वास करता हूं.

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