खुदा हिन्दू है या मुसलमान?
ईसाई, सिख, बौध या जैन?
मेरा सोच कुछ अलग है,
खुदा का कोई मजहब नहीं होता,
खुदा किसी के लिए मजहब नहीं चुनता,
मजहब बनाये है इंसान ने,
और बंद कर दिया है खुदा को,
अपने मजहब की दीवारों में,
कोई फर्क नहीं पड़ता खुदा को,
कौन किस धर्म को मानता है,
और उसे किस नाम से पुकारता है,
खुदा मानता है प्रेम के सम्बन्ध को,
जो इंसान दूसरे इंसानों को प्रेम करता है,
खुदा उसे प्रेम करता है,
प्रेम करो सब से,
नफरत न करो किसी से,
सब का मालिक एक है.
3 comments:
waqi khuda ka koi mazhab nahin,sab ka mlik he....bas aapse shikayat he ke aap aajkal kahin par bhi narayan narayan kehne nahin phoonchte.
नारायण नारायण कहने के लिए कहीं पहुँचने की जरूरत क्या है? नारायण तो दिल में रहते हैं.
दिल के आईने में रहती है तस्वीरे यार,
जब जरा गर्दन झुकाई देख ली.
Pata chale to bataaiyega zaroor.
-------
दुर्गा पूजा एवं दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं।
( Treasurer-S. T. )
Post a Comment