दैनिक प्रार्थना

हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो.

Thursday, September 10, 2009

ईश्वर की सच्ची पूजा

मानवीय संबंधों का आदर करो,

परिवार के प्रति कर्तव्यों का पालन करो,
यही ईश्वर की सच्ची पूजा है.

बड़ों का आदर करो,
उनके सुख दुःख का ध्यान रखो,
यही ईश्वर की सच्ची पूजा है.

बच्चों से प्रेम करो,
उन्हें सही शिक्षा दो,
यही ईश्वर की सच्ची पूजा है.

पड़ोसियों से प्रेम करो,
उनके लिए परेशानी का कारण मत बनो,
यही ईश्वर की सच्ची पूजा है.

समाज, राष्ट्र के प्रति बफादार रहो,
उन पर वोझ नहीं, सहायक बनो,
यही ईश्वर की सच्ची पूजा है.

किसी से नफरत नहीं, सबसे प्रेम करो,
हर जीव में ईश्वर का दर्शन करो,
यही ईश्वर की सच्ची पूजा है.

ईश्वर प्रेम है, प्रेम ईश्वर है,
प्रेम ईश्वर की सच्ची पूजा ह

3 comments:

डॉ टी एस दराल said...

पूर्णत: सात्विक विचार. अभिनन्दन

संगीता पुरी said...

अपने कर्तब्‍यों का ईमानदारी से पालन सच्‍ची ईश्‍वर पूजा है .. सुंदर विचारों के प्रचार प्रसार के लिए धन्‍यवाद !!

Mishra Pankaj said...

सुंदर विचारों के प्रचार प्रसार के लिए धन्‍यवाद !!