ईद-उल-जुहा इस्लाम धर्म में विश्वास करने वाले लोगों का एक प्रमुख त्यौहार है । यह त्यौहार पैगम्बर इब्राहीम द्वारा दिखाई गई बलिदान की भावना का त्यौहार है. यह इंसान के मन में ईश्वर के प्रति विश्वास की भावना को बढ़ाता है. परस्पर प्रेम, सहयोग और ग़रीबों की सेवा करने का आनंद इस त्यौहार के साथ जुड़ा हुआ है.
भारत और भारत से बाहर रहने वाले मुस्लिम भाई और बहनों को मेरी और से हेप्पी ईद-उल-जुहा.
2 comments:
भाईसाहब,बेकार ही पशुहिंसा को बढ़ावा देने वाली परंपरा को त्योहार का रूप देकर क्या सिद्ध करना चाहते हैं जबकि आप तो देखने में मुझे धार्मिक से प्रतीत हो रहे हैं क्या धर्म और मान्यताओ में अंतर नहीं स्पष्ट हो पा रहा है????? बकरीद पर शुभकामनाएं मात्र तुष्टिकरण के लिये मत दीजिये ये एक आदिम सोच से उपजी परंपरा है हमारी खुशी व्यक्त करने के लिये हम किसी मासूम जानवर की गर्दन काट दें और खुश हों तो आप कल्पना करिये कि ये कितना वीभत्स है~ मुखौटे से बाहर आकर ब्लाग पर लिखा करिये आपके ब्लाग पर सच मओभाव लिखने से आपको कोई नहीं रोकता है.....
सादर
मुनव्वर सुल्ताना
मैं इस त्यौहार को प्रेम और त्याग की भावना से सम्बंधित मानता हूँ. पशुबलि का मैं पक्षधर नहीं हूँ, इसलिए पशुबलि को इस त्यौहार का हिस्सा नहीं मानता. उस बारे में मेरे विचार आप जैसे ही हैं. इश्वर की राह में अपनी सबसे प्रिय बस्तु का त्याग करना इस त्यौहार की विशेषता है. मेरे ऐसे बहुत से मुसलमान जानकार हैं जो इस दिन मांस नहीं खाते. वह सुबह मस्जिद में जाकर अल्लाह की प्रार्थना करते हैं, दिन में मिलजुल कर खाना-पीना चलता है, हर व्यक्ति अपनी किसी बुरी आदत का त्याग करने का प्रण करता है, गरीब लोगों की मदद करते हैं. इसी सन्दर्भ में मैंने यह पोस्ट छापी थी.
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