मुंबई में हिंदू मरे, मुसलमान मरे, यहूदी मरे, गरीब मरे, अमीर मरे, आम आदमी मरे, खास आदमी मरे, बच्चे मरे, बड़े मरे, औरतें मरीं, सुरक्षा कर्मी मरे. गोली ने यह नहीं पूछा कि तुम किस धर्म के हो, समाज के किस वर्ग के हो, बस लगी और जिंदगी ख़त्म.
जब जिन्दा थे तो भेद-भाव करते थे. अब मौत ने सबको एक कर दिया. आओ इस से सबक लें. जिंदगी में भी एक हो जाएँ. मिटा दें सारे भेद-भाव. सबसे प्रेम करें. एक-दूसरे का दर्द महसूस करें. एक जुट होकर आतंकवाद का मुकाबला करें.
1 comment:
आओ हम सब मिल कर लडे इन शेतानो से,
धन्यवाद
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