दैनिक प्रार्थना

हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो.

Wednesday, May 14, 2008

फ़िर मचाया कत्लेआम हत्यारों ने

कल हत्यारों ने फ़िर कत्लेआम मचाया. इस बार जयपुर के निरीह निवासी उनका निशाना बने. कौन हैं यह हत्यारे और इस तरह निर्दोष इंसानों का खून बहा कर क्या हासिल करना चाहते हैं? यह हत्यारे खुदा के बन्दे तो हो नहीं सकते. कोई खुदा इतना बेरहम नहीं हो सकता जो अपने बंदों की इस बात से खुश होता हो कि वह उसके दूसरे बंदों का खून कर देते हैं. कोई शैतान ही ऐसा हो सकता है और अपने अनुयाइयों से यह उम्मीद कर सकता है.

खुदा तो प्यार का भूखा है. वह सब का मालिक है. हम सब उस के बच्चे हैं. कोई भी पिता यह नहीं चाहेगा कि उस के बच्चे आपस में मार काट करें और वह भी उसके नाम पर. पिता तो यही चाहेगा कि उस के बच्चे आपस में मिल जुल कर प्रेम से रहें. यह लोग जो मजहब और खुदा के नाम पर खुदा के बंदों का खून बहते हैं, क़यामत के दिन खुदा को क्या जवाब देंगे? यह लोग सोचते हैं कि खुदा उनसे खुश होगा और उन्हें जन्नत अता फरमायेगा. कितना ग़लत सोचते हैं यह लोग? मुझे पूरा यकीन है कि इनका खुदा इन्हें बहुत भयंकर सजा देगा और यह लोग अनंत काल तक जहन्नुम की आग में जलेंगे.

अफ़सोस की बात यह है की केन्द्र और प्रदेशों की सरकारें नागरिकों की जान-माल की कोई रक्षा नहीं कर पा रही हैं. अक्सर आतंकवादियों के हमले होते है, जान-माल का नुकसान होता है, और सरकार केवल इन घटनाओं की निंदा करके और नागरिकों से शान्ति बनाये रखने की अपील करके अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेती है. सुरक्षा सेनाएं केवल निर्दोष नागरिकों पर ही अपना जोर चला पाती हैं. जब सुरक्षा कर्मी अपनी जान की बाजी लगा लगा कर इन कातिलों को पकड़ लेते हैं तो सरकार इन हत्यारों को कोई सजा नहीं दे पाती. पार्लियामेन्ट हमले में इन राजनीतिबाजों को बचाने में कितने सुरक्षा कर्मी मारे गए, पर इन एह्सानफरामोशों ने उनके कातिलों को सरकारी दामाद बना लिया. आज तक एक भी आतंकवादी को उस के अपराधों की सजा नहीं दे पाई यह सरकार.

क्या फायदा है ऐसी सरकार का? क्या फायदा है ऐसी सुरक्षा एजेंसिओं का? अगर नागरिक सरकार पर भरोसा न करें और अपनी सुरक्षा ख़ुद करें तो शायद इतना जान-माल का नुकसान न हो.

4 comments:

Anonymous said...

Yes, there is no use having such a government which can not safeguard lives and property of its citizens.

शोभा said...

आप सच कह रहे हैं। जो लोग ऐसा करते हैं वो किसी धर्म के नहीं हो सकते।

Surakh said...

बहुत ही सटीक विषय का चुन कर ब्लाग बनाया।
मेरी शुभकामनायें आप के साथ हैँ।

Unknown said...

आप सबका धन्यवाद. आते रहिये मेरे ब्लाग पर.