दैनिक प्रार्थना

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Sunday, February 01, 2009

जानवर भी एहसान मानते हैं, पर इंसान !!!

मेरे एक सहयोगी ने इ-मेल में एक वीडियो भेजी जिस में एक शेर एक महिला को प्यार कर रहा है. हुआ यह कि इस महिला  को यह शेर जंगल में धायल अवस्था में मिला. महिला ने उसे जानवरों के अस्पताल ले जाकर उस का ईलाज करवाया. कुछ दिन बाद शेर ठीक हो गया. महिला ने उसे चिड़ियाघर  पहुँचा दिया. कुछ दिन बाद महिला उसे देखने चिड़ियाघर गई. चिड़ियाघर  के प्रबंधक उसे शेर के दड्वे के पास ले गए. फ़िर जो हुआ आप इस वीडियो में देखिये.  

4 comments:

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } said...

इंसान और अहसान ,अगर अहसान जाताना आता तो इंसान इंसान न कहलाता .

राज भाटिय़ा said...

क्या बात है, काश इंसान इन जानवरो से ही अकल लेले, कुत्ते से ही कुछ सीख लेले,फ़िर पुजा पाथ की भी जरुरत नही पडेगी.

Anwar Qureshi said...

सर जी ..प्रणाम ...बहुत दिनों बाद आया हूँ ...और आज भी आप से कुछ सीख कर जा रहा हूँ ..

ghughutibasuti said...

मैं तो सदा से ही जब कोई मनुष्य को जानवर कहता है तो इसे जानवर का निरादर मानती आई हूँ।
घुघूती बासूती