दैनिक प्रार्थना

हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो.

Tuesday, June 10, 2008

अनंत की महिमा

वह अनंत है,
यह अनंत है,
अनंत अनंत से आता है,
अनंत से अनंत निकालो तब भी अनंत ही बचता है,
ॐ शांति, शांति, शांति.


That is perfect;
This is perfect;
Perfect comes from perfect;
Take perfect from perfect, the remainder is perfect.
Peace. Peace. Peace.

— Brihadaaranyaka Upanishad

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